लोक उद्यम विभाग
स्थायी मध्यस्थता तंत्र (पीएमए) प्रकोष्ठ
विधिक कार्य विभाग द्वारा तैयार दिनांक 08.05.1987 के नोट पर विचार करने के बाद, सचिवों की समिति ने दिनांक 26.06.1987 को आयोजित अपनी बैठक में सुझाव दिया कि लोक उद्यमों के बीच आपसी तथा लोक उद्यमों एवं किसी सरकारी विभाग के बीच सभी वाणिज्यिक विवादों (आयकर, सीमाशुल्क तथा उत्पाद शुल्क को छोड़कर) के निपटान के लिए लोक उद्यम विभाग (पूर्ववर्ती बीपीई) में स्थायी मध्यस्थता तंत्र का गठन किया जाए। तदनुसार, लोक उद्यम विभाग ने एक नोट तैयार किया जिस पर व्यय विभाग तथा विधिक कार्य विभाग द्वारा सहमति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल द्वारा दिनांक 24.02.1989 को आयोजित अपनी बैठक में उसे अनुमोदित किया गया। तत्पश्चात, लोक उद्यमों के बीच आपसी तथा लोक उद्यमों एवं किसी केंद्रीय सरकारी विभाग/मंत्रालय/बैंक/पत्तन न्यास के बीच सभी वाणिज्यिक विवादों (आयकर, सीमाशुल्क तथा उत्पाद शुल्क को छोड़कर) के समाधान के लिए वर्ष 1989 में लोक उद्यम विभाग में स्थायी मध्यस्थता तंत्र (पीएमए) का गठन किया गया था। बाद में वर्ष 2004 में रेल से संबंधित विवादों को भी पीएमए के दायरे से हटा दिया गया था।
2. पीएमए के मध्यस्थ को भेजे जाने के लिए विवादों को लोक उद्यम विभाग को भेजा जाना अपेक्षित होता है। विवाद के होने के बारे में प्रथम दृष्टया संतुष्ट होने के बाद सचिव, लोक उद्यम विभाग विवाद को मध्यस्थता के लिए पीएमए के मध्यस्थ को भेजते हैं। इन मामलों में मध्यस्थता अधिनियम, 1996 लागू नहीं होता है। मामले को प्रस्तुत करने/बचाव करने के लिए किसी भी पक्ष की ओर से किसी बाहरी वकील को आने की अनुमति नहीं होती है। परन्तु पक्षकार अपने पूर्णकालिक विधि अधिकारियों की सहायता ले सकते हैं।
3. मध्यस्थ मामले के तथ्य प्रस्तुत करने तथा अपने दावे एवं प्रतिदावे प्रस्तुत करनेके लिए संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी करते हैं। पक्षकार मध्यस्थ के सामने अपना पक्ष रखते हैं। लिखित रिकॉर्डों एवं मौखिक साक्ष्यों के आधार पर मध्यस्थ निर्णय लेते हैं। मध्यस्थ के निर्णय के विरूद्ध कोई अपील निर्णय को खारिज करने अथवा उसमें संशोधन के लिए सचिव, विधि मंत्रालय को प्रस्तुत की जा सकती है। सचिव, विधि मंत्रालय का निर्णय अंतिम तथा सभी पक्षकारों के लिए बाध्यकारी होता है। निर्णय के विरूद्ध किसी भी न्यायालय/न्यायाधिकरण में कोई अपील नहीं की जा सकती है। पीएमए में कार्रवाई किए जा रहे मामलों की स्थिति निम्नानुसार है: