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एनएलएमसी अवलोकन

सरकार के संपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य पूरे भारत में ऐसी गैर-प्रमुख परिसंपत्तियां (मुख्‍य रूप से भूमि, भवन और अन्य अचल संपत्तियां) जो निकट भविष्य में इष्टतम उपयोग के लिए कोई स्पष्ट और वर्तमान योजना के साथ अधिशेष, अप्रयुक्त या कम उपयोग वाली हो सकती हैं, के मूल्य को प्रकट करना है। इन परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से इन कम उपयोग वाली परिसंपत्तियों पर औद्योगिक, वाणिज्यिक, पर्यटन, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास के माध्यम से परिसंपत्तियों का उत्पादक और इष्टतम उपयोग संभव होगा और इस प्रकार आर्थिक और सामाजिक कार्यक्रमों की डिलिवरी करने के लिए वित्तीय संसाधन सृजित होंगे और आत्मनिर्भर भारत में योगदान होगा।
माननीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण, 2021 में अंतर्राष्ट्रीय श्रेष्‍ठ पद्धतियों के अनुरूप कुशल और विवेकपूर्ण तरीके से भूमि और अन्य गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करने के लिए क्षमता और विशेषज्ञता के साथ एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) की स्थापना की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा था:
'निष्क्रिय संपत्तियां आत्मनिर्भर भारत में योगदान नहीं देंगी। गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों में मुख्‍य रूप से सरकारी मंत्रालयों / विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के साथ अधिशेष भूमि शामिल है। भूमि का मुद्रीकरण या तो प्रत्यक्ष बिक्री या रियायत के माध्यम से या इसी तरह के साधनों से हो सकता है। इसके लिए विशेष क्षमताओं की आवश्यकता होती है और इस उद्देश्य के लिए, मैं एक कंपनी के रूप में एक विशेष प्रयोजन वाहन का उपयोग करने का प्रस्ताव करता हूं जो इस गतिविधि को पूरा करेगा।"
तदनुसार, सीपीएसईज़ के साथ-साथ अन्य सरकारी एजेंसियों की गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए लोक उद्यम विभाग, वित्त मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत दिनांक 03.06.2022 को भारत सरकार के संपूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (एनएलएमसी) को निगमित किया गया।
एनएलएमसी घाटे में चल रहे सीपीएसईज़ को बंद करने में तेजी लाएगा और रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया को सुचारू बनाएगा। एनएलएमसी एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करेगा और अन्य सरकारी संस्थाओं और सीपीएसईज़ को अपनी गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों का कुशल और पेशेवर तरीके से मुद्रीकरण करने में सहायता करेगा, जिससे उनके मूल्य प्राप्ति को अधिकतम किया जा सकेगा।

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